दिल्ली का मिंटो ब्रिज फिर जलमग्न, बीजेपी ने उठाए आप मेयर के 'बड़े वादों' पर सवाल

दिल्ली का मिंटो ब्रिज फिर से बाढ़ में डूबा सरकारों के वादों पर उठ रहा है सवाल 

Delhi's Minto Bridge

वादों के बावजूद पुल पानी में डूबा

भारी बारिश के बाद दिल्ली का मिंटो ब्रिज फिर से बाढ़ में डूब गया है। ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है। पुल पानी में डूब गया, जिससे लोग फंस गए। वे पुल पार नहीं कर पाए और यातायात अवरुद्ध हो गया। कई यात्री प्रभावित हुए और कुछ तो काम पर भी नहीं जा पाए।

बाढ़ का इतिहास

2020 में मिंटो ब्रिज पर बाढ़ के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। यह एक दुखद घटना थी जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया था। उसके बाद, अधिकारियों ने इसे फिर से होने से रोकने के लिए कार्रवाई करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि वे जल निकासी व्यवस्था को ठीक करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि पुल पर फिर से बाढ़ न आए। लेकिन यह फिर से हुआ और लोग गुस्से में हैं।

दिल्ली में जलभराव

मंगलवार को भारी बारिश के कारण दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव हो गया। मिंटो ब्रिज, मूलचंद, विनोद नगर और अरबिंदो रोड सभी प्रभावित हुए।  कई वाहन पानी में फंसे रहे और कुछ तो खराब भी हो गए। लोग अपनी कारों में फंसे रहे और पानी के कम होने का इंतजार करते रहे। कुछ लोगों को तो अपनी गाड़ियां छोड़कर पानी में पैदल चलना पड़ा।

नोएडा भी प्रभावित

नोएडा का सेक्टर 62 भी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ। कुछ इलाकों में पानी छाती तक भर गया और लोगों को अपने घरों तक पहुंचने के लिए उसमें से गुजरना पड़ा। कुछ घरों में तो पानी भर गया और लोगों को सुरक्षित इलाकों में जाना पड़ा।

यात्री नाखुश

बाढ़ को रोकने के लिए पर्याप्त कदम न उठाने के कारण लोग अधिकारियों से नाराज और निराश हैं। साकेत मेट्रो स्टेशन पर फंसी एक यात्री अंजलि ने कहा, "सरकार तभी काम करती है जब कोई मर जाता है।" "उन्हें हमारी सुरक्षा की परवाह नहीं है। उन्हें केवल अपने हितों की परवाह है। हम बेहतर बुनियादी ढांचे और बेहतर शासन की मांग करते हैं।"

सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन


 

भाजपा पार्षद रविंदर सिंह नेगी ने बाढ़ग्रस्त एनएच9 इलाके में नाव चलाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।  उन्होंने कहा, "नाले इसलिए ओवरफ्लो हो रहे हैं क्योंकि मानसून से पहले उनकी सफाई नहीं की गई।" "इस गंदगी के लिए सरकार जिम्मेदार है। उन्हें अब कार्रवाई करनी चाहिए और जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहिए।"

सरकार की तैयारियों पर सवाल

बाढ़ ने मानसून से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वादों के बावजूद, शहर भारी बारिश से निपटने के लिए तैयार नहीं दिख रहा है। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। लोग सरकार से जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग करते हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने मामले की जांच करने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया है। लेकिन लोग संशय में हैं और कई लोग सिर्फ शब्दों की नहीं, बल्कि कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सरकार को यह दिखाने की जरूरत है कि वह इस मुद्दे को संबोधित करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है।

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