Swati Maliwal | केजरीवाल के पीए विभव कुमार को मुंबई लेकर जाएगी दिल्ली पुलिस: क्या है सही वजह जाने इस आर्टिकल में।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति Swati Maliwal से कथित मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस की जांच तेजी से चल रही है और अब विभव कुमार को मुंबई लेकर जाने की तैयारी हो रही है। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी।
Swati Maliwal case: मामला क्या है?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर सांसद Swati Maliwal से कथित मारपीट का मामला हाल ही में सामने आया था। स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के पीए विभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया था और कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की हिरासत में भेज दिया था।
Swati Maliwal news: मुंबई में जांच का कारण?
विभव कुमार ने मुंबई में अपने फोन को फॉर्मेट किया था, जिसे लेकर पुलिस को शक है कि इसमें महत्वपूर्ण सबूत हो सकते हैं। इसके अलावा, विभव ने मुंबई में किन-किन लोगों के सम्पर्क में था, इसकी भी जांच की जाएगी। पुलिस इस मामले की तह तक जाने के लिए विभव को मुंबई लेकर जा रही है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस विभव कुमार को मंगलवार को दोपहर ढाई बजे की फ्लाइट से मुंबई लेकर जाएगी।
SIT का गठन।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है। SIT ने मुख्यमंत्री के स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों के बयान भी दर्ज किए हैं। इसके अलावा, SIT ने मोबाइल वीडियो में दिख रहे सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ की है और विभव कुमार के घर से कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट भी जब्त किए हैं।
सीसीटीवी फुटेज की जांच।
मुख्यमंत्री आवास से जब्त की गई सीसीटीवी की DVR को फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) जांच के लिए भेजा गया है। स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि सीएम आवास के सीसीटीवी फुटेज में छेड़छाड़ की गई है। इससे पहले भी दिल्ली पुलिस की टीम ने सीएम आवास से सीसीटीवी की डीवीआर और अन्य सामान जब्त किए थे।
स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस की जांच लगातार जारी है। विभव कुमार को मुंबई लेकर जाने का उद्देश्य मामले की गहराई तक जाना और सभी संभावित सबूतों की जांच करना है। इस मामले में आगे क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा। हालांकि, यह मामला आम आदमी पार्टी और उनके नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है।
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